चलते चलते..!!

 

 

 

 

 

 

चलते चलते बेसबब अचानक हम थम गए
उनका जिक्र आया तो पैर वही जम गए

सुन सुन के बाते ज़माने की जो ना गए थे अब तक
आज महफ़िल में उसका नाम से दिल से वो भी वेहम गए

करते रहे शिकवा शिकायत सब हम से
हम ऐसा खोये तसवुर में के ग़ज़लों में रम गए

जिंदगी में कुछ बने या न बने हम साफ़ ज़ाहिर है
सियासत उसकी में शायर बन हम गए

थे उसकी तक़रीर के अंदाज़ ऐसे, जो भी कहा उसने
अल्फाज़-ए-खुदा जान कर हर लफ्ज़ मानते हम गए

जब देखा उनका अंदाज़-ऐ-बेवफाई तो  मालूम हुआ
ज़माने में इंसानियत की तरह ही मोहब्बत के भी मोसम गए 

चलती रहती है बस इक कश-म-कश सी ज़ेहन में
वो जो कर गए थे साथ चलने का वादा, कहा अब वो हम कदम गए

तक़रीर : Speech